ड्यूल कैमरा फ़ोन की ये जानकारियां आएगी आपको काम
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ड्यूअल कैमरा फ़ोन |
आजकल लोगों में मोबाइल से सेल्फी लेने की लोकप्रियता को देखकर स्मार्टफोन निर्माता कंपनियों ने ऐसे फ़ोन बनाने शुरू कर दिए हैं जिसमे आपको कैमरे की परफॉर्मेंस काफी अच्छी मिलती है। कुछ लोग तो नया मोबाइल खरीदते वक्त केवल कैमरे की परफॉर्मेंस को ही देखते है। कस्टमर्स के फोटोज खींचने के इस शोंक के चलते कंपनिया आजकल ड्यूल कैमरा फ़ोन मार्किट में उतार रही है। इसी के चलते samsung ने हाल ही में चार रियल कैमरे वाला स्मार्टफोन लॉन्च किया है। इसी क्रम में शाओमी ने भी अपना चार कैमरों वाला स्मार्टफोन रेडमी नोट 6 प्रो बाजार में उतार दिया है इसमें दो कैमरे फ्रंट में है व दो ही रियर में जिसमे एक 12 मेगा पिक्सेल व दूसरा 5 मेगा पिक्सेल का है। इससे स्पस्ट है कि यूजर्स के बीच कैमरा फ़ोन की बढ़ती लोकप्रियता को देखते हुए अब कंपनिया ज्यादा से ज्यादा कैमरे वाले फ़ोन ला रही है और फोटोग्राफी के फीचर्स को लगातार बेहतर कर रही है। तो इसके चलते अगर आपने भी नया ड्यूल कैमरा फ़ोन लिया है या लेने जा रहें है तो ये बेसिक जानकारियां आपके बहुत कम आएंगी-
ड्यूल कैमरा फ़ोन के फायदे
ड्यूअल कैमरा फ़ोन में दो लेंस आपको कलर व शैडो के साथ ज्यादा शार्प फ़ोटो लेने, बैकग्राउण्ड को ब्लर करके सब्जेक्ट को अलग से हाईलाइट करने, अल्ट्रा वाइड एंगल मोड़ को इनेबल करने और फोकस में फील्ड की गहराई के साथ फोटो लेने में मदद करते है।
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इस कारण आती है बेहतर फ़ोटो
ड्यूल कैमरा फ़ोटो खींचते वक्त एक ट्रायंगल बनाता है, जिससे कैमरे का फोकस ऑब्जेक्ट से आउट नही होता और बैकग्राउंड ब्लर की हुई इमेज मिलती है। दूसरे शब्दों में ड्यूल लेंस तकनीक से कैमरे और सब्जेक्ट की दूरी को कैलकुलेट करके उसमें डीएसएलआर इफ़ेक्ट दे सकते है। दूसरी तरफ, सिंगल कैमरे वाले मोबाइल से फोकस करते वक्त फ़ोटो का बैकग्राउंड भी साफ दिखता है यानी वो ब्लर नही होता और फ़ोटो क्वालिटी भी सामान्य रहती है। हालांकि सिंग्ल कैमरा फ़ोन में सॉफ्टवेयर से बैकग्राउंड को ढक सकते हैं।
इस तरह समझें सेटअप
इस तरह के स्मार्टफोन स्लिम होने से उसके बैक पर मौजूद कैमरा मॉड्यूल भी काफी छोटा होता है। इसी मॉड्यूल के अंदर मल्टीप्ल लेंस एलिमेंट्स, इमेजसेन्सर और कभी-कभी तो ऑप्टिकल इमेज स्टेबिलाइजेशन कर लिए सूक्ष्म मोटर्स तक फिट होती है। ड्यूअल कैमरे में दो लेंस होते हैं, जो एक दूसरे के पास -पास होरीज़ोंटली या वर्टिकली फिट किए जाते हैं। आमतौर पर इनमें से एक प्राइमरी लेंस सभी प्रमुख काम करता है, जबकि सेकंडरी लेंस अतिरिक्त लाइट कैप्चर करने के अलावा व्यू का दायरा बढ़ाने या बैकग्राउंड ब्लर करने में मदद करता है।
ये फ़ीचर्स भी है महत्वपूर्ण
अगर आप ड्यूअल कैमरा स्मार्टफोन खरीदने जा रहे हैं तो आपको यह जानना होगा कि केवल दो लेंस से ही बेहतर फ़ोटो नहीं आ सकते। आपको इन फ़ीचर्स का चुनाव सोच-समझकर करना होगा जैसे सेंसर व पिक्शल्स का आकार, अपर्चर और पोस्ट प्रोसेसिंग।
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